विश्वविधालय में मनाया गया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविधालय सागर के जुबली हॉल में भारत सरकार के पहले शिक्षा मंन्नी मौलाना अबुंल कलाम आजाद की स्मृति में शिक्षा दिवस मनाया गया इस अवसर पर मुख्य वक्ता के प में बोलते हुए प्रो. निशा दुबे बरकत उल्ला वि.वि. भोपाल ने कहा कि डॉ हरीसिंह गौर वि. वि. यह मेरा पहला दौरा है किन्तु यह वि वि शु से मेरे आकर्षण का केन्द्र रहा है इस आदर्श वि. वि. में आने का अवसर पहली बार मिला है।
यह देश का १८वां केन्द्रीय वि.वि. है। वर्तमान में यह वि. वि. राज्य के अन्य अन्य विश्वविधालयों से अलग है क्योंकि यह केन्द्रीय वि. वि. बन गया है। किन्तु शिक्षा के लिए, ान के लिए विकास के लिए विश्वविधालय ान का मंदिर है समाज का, राष्ट्र का विकास ान के बिना संभव नही ंहैसागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविधालय सागर के जुबली हॉल में भारत सरकार के पहले शिक्षा मंन्नी मौलाना अबुंल कलाम आजाद की स्मृति में शिक्षा दिवस मनाया गया इस अवसर पर मुख्य वक्ता के प में बोलते हुए प्रो. निशा दुबे बरकत उल्ला वि.वि. भोपाल ने कहा कि डॉ हरीसिंह गौर वि. वि. यह मेरा पहला दौरा है किन्तु यह वि वि शु से मेरे आकर्षण का केन्द्र रहा है इस आदर्श वि. वि. में आने का अवसर पहली बार मिला है।
प्राचीन काल से हमारे देश की परंपरा संस्कृति को देखें चाहें हम उज्जैन कहें नालंदा कहें गुकुल के नाम से उनका संबोधन करते हैं हम गणित में दर्शन में विान में और सभी क्षेन्नों में विश्व के सामने एक आदर्श के प में स्थापित हुए हैंं। स्वतंन्नता के बाद शिक्षा के बारे मे ंसोचा यूजीसी की स्थापना की २००५ में नॉलेज कमीशन, शिक्षा में परिवर्तन और सुधार हो रहे हैं।
आगे उन्होनें कहा कि हम वेश्वीकरण के बारे में विचार कर रहे हैं और हमारे बच्चे संकीर्ण होते जा रहे हैं आज हमारे बच्चे कैरियर रोजगार आदि के बारे में सोच रहे हैं। किन्तु बच्चे जिस समाज मे ंरहते है उनका सामाजिक स्तर लोकतंन्न मे ंभागीदारी राष्ट्र के प्रति कर्तव्य हमारे नैतिक मूल्य आदि खोते जा रहे हैं हम नागरिक प्रस्तुत कर रहे हैं मानव नही।
हम पहले प्राइमरी मे ंशिक्षक दिवस मनाते थे अब उच्च शिक्षा में शिक्षा दिवस के प में मनाया जाता है। भारत विश्व स्तर पर विश्व गु के प में स्थापित था आज हमें पुनः इसे
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