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Friday, September 18, 2009

पुस्तकें एवं पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित

राज्य की साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद प्रतिवर्ष अखिल भारतीय एवं प्रादेशिक पुरस्कार देती है। इसी तरह मध्यप्रदेश के लेखक की पहली कृति के प्रकाशनार्थ पाण्डुलिपि प्रकाशन सहायता योजना के अंतर्गत दस हजार रूपये अनुदान भी देती है।
साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. देवेन्द्र दीपक ने बताया कि वर्ष 2008 की पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 2008 में प्रकाशित विभिन्न पुरस्कार विषयों के अंतर्गत पुस्तकें पाण्डुलिपियाँ 30 अक्टूबर 09 तक आमंत्रित हैं। पाण्डुलिपि अनुदान योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 45 वर्ष तक के रचनाकारों से पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित की जाती हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के रचनाकारों के लिए आयु बंधन नहीं हैं।
अकादमी की पुरस्कार योजना वर्ष 2008 के अंतर्गत क्रमश: माखनलाल चतुर्वेदी (निबंध), मुक्तिबोध (कहानी), वीरसिंह देव (उपन्यास), रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना) और भवानी प्रसाद मिश्र (कविता) पर इस प्रकार कुल पाँच अखिल भारतीय पुरस्कार हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार की राशि 25 हजार रूपये हैं। बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' (उपन्यास), सुभद्राकुमारी चौहान (कहानी), श्रीकृष्ण सरल (कविता), नंददुलारे वाजपेयी (आलोचना), हरिकृष्ण प्रेमी (नाटक/एकांकी), शरद जोशी (व्यंग्य), दुष्यंत कुमार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति), ईसुरी (लोकभाषा विषयक) और जहूरबख़्श (बाल साहित्य) पर इस प्रकार कुल नौ प्रादेशिक पुरस्कारों के विषय हैं। प्रादेशिक पुरस्कार की राशि 21 हजार रूपये हैं। प्रविष्टि के लिये नियम एवं शर्ते निदेशक, साहित्य अकादमी, मुल्ला रमूजी, संस्कृति भवन, बाणगंगा चौराहा, भोपाल-3 से प्राप्त की जा सकती हैं। पुरस्कार हेतु पुस्तकों तथा अनुदान हेतु पाण्डुलिपियाँ प्राप्त होने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 09 है।

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